छोड़कर सामग्री पर जाएँ

डल झील में शिकारों के बीच स्थित देश की अनोखी लाइब्रेरी

इस ख़बर को शेयर करें:

यह लाइब्रेरी कश्मीरियत का संगम है जिसका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स में भी दर्ज़ हो चुका है, पुस्तक प्रेमियों के लिए इस लाइब्रेरी में फ्री शिकारा राइड की भी व्यवस्था है। जम्मू कश्मीर की डल झील के बीचो बीच स्थित गुलशने कश्मीर लाइब्रेरी, अपने आप में एक अनोखी और देश की पहली इस तरह की लाइब्रेरी है। रियासत,कला, संस्कृति के अलावा यहाँ की सामजिक राजनीतिक स्थिति पर सैकड़ों किताबें मौजूद हैं जो सैलानियों के लिए कश्मीरियत का शानदार नज़ारा पेश कर रही है।

वादियों का दिलकश नज़ारा, डल झील में घूमता शिकारा, सैलानियों की भीड़ से परे, बेहद शांत और पुरसुकून माहौल में अगर आदमी का सब से अच्छा दोस्त यानि किताबें मिल जाएं तो लिखने-पढ़ने का आनंद दोगुना हो जाता है और ऐसी ही अलहदा जगह है, डल झील के बीच में स्थित देश की पहली आइलैंड- शॉप कम लाइब्रेरी “गुलशने कश्मीर”, जिसका नाम लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में भी दर्ज है।

किताबें यहां असली कश्मीरियत, यानी बौद्ध हिन्दू और इस्लाम का संगम कराती हैं। यहां रूमी है तो इक़बाल भी है, कश्मीरी कवयित्री ललदेद हैं तो शेख़ उल आलम, रसूल मीर और आज़ाद भी को भी यहां क़रीब 80000 किताबें में साथ-साथ पढ़ा जा सकता है।

इन किताबों में हज़ारों केवल कश्मीर पर हैं लिहाजा कश्मीर का हर हाव भाव यहां की किताबों से बेहतर समझा जा सकता है। ज़्यादा से ज़्यादा पुस्तक प्रेमियों को ‘गुलशने कश्मीर’ से जोड़ा जा सके इसके लिए यहां फ्री शिकारा राइड की भी व्यवस्था की गई है। सैलानियों की भीड़ और शोर से अलग शांत-एकांत माहौल, पुस्तक प्रेमियों को यहाँ बरबस खींच ही लाती है।

बुक शॉप कम लाइब्रेरी में अलग से रीडिंग रूम बनाया गया है जहां करीब 4000 किताबें हैं। मुफ़्त वाई फाई की सुविधा सो लैस इस स्थान पर कोई भी पुस्तक प्रेमी,मुफ़्त में इन किताबों को पढ़ सकता है।

गणेश मुखी रूद्राक्ष पहने हुए व्यक्ति को मिलती है सभी क्षेत्रों में सफलता एलियन के कंकालों पर मैक्सिको के डॉक्टरों ने किया ये दावा सुबह खाली पेट अमृत है कच्चा लहसुन का सेवन श्रीनगर का ट्यूलिप गार्डन वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में हुआ दर्ज महिला आरक्षण का श्रेय लेने की भाजपा और कांग्रेस में मची होड़