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Sweet Corn ( मक्का ) खाने के फायदें गुण नुकसान

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क्का यानी Sweet Corn जरुर खाई होगी जो आपको टेस्टी लगी होगी. मक्का खाने में जितनी स्वादिष्ट होती है उतनी ही ज्यादा हेल्थ के लिए लाभकारी भी होती है. सिके हुए देशी भुट्टे हों या फिर स्टीम में पके अमेरिकन कॉर्न…दोनों का अपना ही मजा है। स्वाद तो इनका मजेदार होता ही है, सेहत के फायदे भी…..

बारिश के मौसम में भुने हुए मकई या भुट्टे की महक हर किसी को लुभाती है। ऐसे में बेशक आपको भी भुट्टे का स्वाद पसंद होगा, लेकिन क्या आप इस मोटे अनाज के चमत्कारी फायदों के बारे में जानते हैं? आपको जानकर हैरानी होगी कि इस अनाज में कई गंभीर से गंभीर बीमारियों का हल छिपा है।

साथ ही यहां हम मकई के नुकसान के संबंध में भी बात करेंगे। वहीं, यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि मकई कुछ समस्याओं में राहत जरूर पहुंचा सकती है, लेकिन यह उनका पूर्ण उपचार नहीं है। किसी भी समस्या के पूर्ण उपचार के लिए डॉक्टरी परामर्श अतिआवश्यक है।

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मक्का (Sweet Corn) इसका वनस्पति नाम Zea Mays होता है जो की एक खाद्य (अनाज) फसल हैं. यह खाने में बहुत ही टेस्टी होता हैं. भुट्टा भारत के पहाड़ी और मैदानी भागों में उगता है. मक्का सभी प्रकार की भूमि में उगाया जाता हैं.

मकई की तासीर कैसी होती है?

मकई की तासीर गर्म होती है, इसलिए इसे खाने के तुरंत बाद पानी न पीने की सलाह दी जाती है। भुट्टे को पकाने के बाद उसके 50% एंटीऑक्सीडेंट बढ़ जाते हैं। पके हुए भुट्टे में फेरुलिक एसिड होता है जो कैंसर जैसी बीमारी मे लड़ने में बहुत मददगार होता है। कॉर्न में केरोटीन होता है जिसके कारण इसका रंग पीला होता है। इसके अलावा भुट्टे में विटामिन, कार्बोहाइड्रेट और फोलिक एसिड प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।

मक्के को खाने के तरीके

  1. नरम भुट्टे को कोयलें में अच्छी तरह से भुनकर घी या निम्बू और थोड़ा नमक डालकर खाने में और भी मजा हैं.
  2. भुट्टे और मक्का थोड़े कड़े हो तो इसके दानों को पिस कर उपमा की तरह अच्छा व्यंजन बनता हैं.
  3. अगर इसमें थोड़ा सा बेसन डाल दे तो गरमा गरम पकोड़ियाँ भी बन सकती हैं.
  4. भुट्टे को गरम पानी में डालकर और उसमें थोड़ा सा नमक डाल कर खाने में और भी मजा आता हैं.
  5. भुट्टे को बारीक पीस कर हलवा भी बनाया जा सकता हैं.

मकई या भुट्टा लम्बे समय तक सुरक्षित रखने का तरीका

कमरे के सामान्य तापमान पर ताजी मकई को तीन दिन तक रख कर इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर इन्हें तीन दिन में नहीं खाने वाले हैं, तो इन्हें प्लास्टिक से लपेट कर फ्रिज में रख कर करीब एक हफ्ते तक सुरक्षित किया जा सकता है। वहीं, लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए इसके दानों को अलग कर जिपर बैग में डालें और फ्रीजर में लगा दें।

मक्की के गुण

100 ग्राम मक्की में 86 कैलोरी, 1% फैट, 0% कोलेस्ट्रॉल, 15 मिलीग्राम सोडियम, 7% पोटेशियम, 6% कार्बोहाइड्रेट, 10% डाइटरी फाइबर, 3.2 ग्राम शुगर, 6% प्रोटीन, 11% विटामिन सी, 1% कैल्शियम, 2% लौह, 5% विटामिन बी-6 और 9% मैग्नीशियम होता है। इसके अलावा में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लामेट्री जैसे गुण भी पाए जाते हैं, जिससे आप कई बीमारियों से बचे रहते हैं।

मकई (कॉर्न) का उपयोग – How to Use Corn

मकई के उपयोग की बात करें, तो इसे सुबह के नाश्ते में इस्तेमाल किया जा सकता है। कई लोग कॉर्न फ्लेक्स को दूध के साथ लेना पसंद करते हैं, तो वहीं, कुछ लोग इसका सूप बनाकर पीते हैं। अगर पॉप कॉर्न की बात की जाए, तो इसे स्नैक्स के तौर पर कहीं भी और कभी भी खाया जा सकता है। इसके अलावा, ठोस और मजबूत आहार की बात करें, तो सर्दियों में मक्के की रोटी चाव के साथ खाई जाती है।

मक्का खाने के फायदें

1 सबसे पहली बात तो यह है कि बड़ों को साथ-साथ बच्चों को भी भुट्टे अवश्य खिलाने चाहिए इससे उनके दांत मजबूत होते हैं।

  1. दूसरी बात कि जब आप भुट्टे खाएं तो दानों को खाने के बाद जो भुट्टे का भाग बचता है उसे फेंकें नहीं बल्कि उसे बीच से तोड़ लें और उसे सूंघें। इससे जुकाम में बड़ा फायदा मिलता है। बाद में इसे जानवर को खाने के लिए डाल सकते हैं।
  2. अगर आप इसे जानवर को नहीं देते हैं तो उन्हें सूखाकर रखें फिर इन्हें जलाकर राख बना कर रख लें। सांस के रोगों में यह बड़ा कारगर इलाज है। इस राख को प्रतिदिन गुनगुने पानी के साथ फांकने से खांसी का इलाज होता है। खांसी कैसी भी हो यह चूर्ण लाभ देता ही है। यहां तक कि कुकर खांसी में भी बड़ी राहत मिलती है।
  3. आयुर्वेद के अनुसार भुट्टा तृप्तिदायक, वातकारक, कफ, पित्तनाशक, मधुर और रुचि उत्पादक अनाज है। इसकी खासियत यह है कि पकाने के बाद इसकी पौष्टिकता और बढ़ जाती है। पके हुए भुट्टे में पाया जाने वाला कैरोटीनायड विटामिन-ए का अच्छा स्रोत होता है।
  4. मक्की के गुण बचाएं कैंसर से – Corn ke Fayde for Cancer – भुट्टे को पकाने के बाद उसके 50 प्रतिशत एंटी-ऑक्सीअडेंट्स बढ़ जाते हैं। यह बढती उम्र को रोकता है और कैंसर से लड़ने में मदद करता है। पके हुए भुट्टे में फोलिक एसिड होता है जो कि कैंसर जैसी बीमारी में लड़ने में बहुत मददगार होता है। मक्के में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट कैंसर से बचाने में मददगार होते हैं। यह कैंसर फैलाने वाले मुक्त कणों से लड़ते हैं और व्यक्ति की सेहत ठीक रखने का काम करते हैं।
  1. इसके अलावा भुट्टे में मिनरल्स और विटामिन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। भुट्टे को एक बेहतरीन कोलेस्ट्रॉल फाइटर माना जाता है, जो दिल के मरीजों के लिए बहुत अच्छा है।
  2. बच्चों के विकास के लिए भुट्टा बहुत फायदेमंद माना जाता है। ताजे दूधिया (जो कि पूरी तरह से पका न हो) मक्का के दाने पीसकर एक खाली शीशी में भरकर उसे धूप में रखिए। जब उसका दूध सूख कर उड़ जाए और शीशी में केवल तेल रह जाए तो उसे छान लीजिए। इस तेल को बच्चों के पैरों में मालिश कीजिए। इससे बच्चों का पैर ज्यादा मजबूत होगा और बच्चा जल्दी चलने लगेगा।
  3. इस तेल को पीने से शरीर शक्तिशाली होता है। हर रोज एक चम्मच तेल को चीनी के बने शर्बत में मिलाकर पीने से बल बढ़ता है। ताजा मक्का के भुट्टे को पानी में उबालकर उस पानी को छानकर मिश्री मिलाकर पीने से पेशाब की जलन व गुर्दों की कमजोरी समाप्त हो जाती है।
  4. टीबी के मरीजों के लिए मक्का बहुत फायदेमंद है। टीबी के मरीजों को या जिन्हें टीबी होने की आशंका हो हर रोज मक्के की रोटी खाना चाहिए। इससे टीबी के इलाज में फायदा होगा।
  5. मक्के के बाल (सिल्क) का उपयोग पथरी रोगों की चिकित्सा मे होता है। पथरी से बचाव के लिए रात भर सिल्क को पानी मे भिगोकर सुबह सिल्क हटाकर पानी पीने से लाभ होता है। पथरी के उपचार में सिल्क को पानी में उबालकर बनाये गये काढ़े का प्रयोग होता है।
  6. यदि गेहूं के आटे के स्थान पर मक्के के आटे का प्रयोग करें तो यह लीवर के लिए अधिक लाभकारी है। यह प्रचूर मात्रा में रेशे से भरा हुआ है इसलिए इसे खाने से पेट अच्छा रहता है। इससे कब्ज, बवासीर और पेट के कैंसर के होने की संभावना दूर होती है।
  7. भुट्टे के पीले दानों में बहुत सारा मैगनीशियम, आयरन, कॉपर और फॉस्फोरस पाया जाता है जिससे हड्डियां मजबूत बनती हैं। एनीमिया को दूर करने के लिए भुट्टा खाना चाहिए क्योंकि इसमें विटामिन बी और फोलिक एसिड होता है।
  8. खुजली के लिए भी भुट्टे का स्टॉर्च प्रयोग किया जाता है। वहीं इसके सौंदर्य लाभ भी कुछ कम नहीं है। इसके स्टार्च के प्रयोग से त्वचा खूबसूरत और चिकनी बन जाती है।
  9. मकई के फायदे खराब कोलेस्ट्रॉल के लिए – Corn for Cholesterol – भुट्टा दिल की बीमारी को भी दूर करने में सहायक है क्योंकि इसमें विटामिन सी, कैरोटिनॉइड और बायोफ्लेवनॉइड पाया जाता है। यह कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ने से बचाता है और शरीर में खून के प्रवाह को भी बढ़ाता है।
  10. कॉर्न खाने के फायदे गर्भवती महिलाओं के लिए – Corn for Pregnancy – इसका सेवन प्रेगनेंसी में भी बहुत लाभदायक होता है इसलिए गर्भवती महिलाओं को इसे अपने आहार में जरुर शामिल करना चाहिए। क्योंकि इसमें फोलिक एसिड पाया जाता है जो गर्भवती के लिए बेहद जरूरी है। जिसकी कमी से होने वाला बच्चा अंडर वेट हो सकता है और कई अन्य बीमारियों से पीड़ित भी हो सकता है। सावधानियांकॉर्न सिल्क का अधिक मात्रा में सेवन करना गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है। कॉर्न सिल्क गर्भाशय को उत्तेजित कर गर्भपात का कारण बन सकता है। स्तनपान करवा रही महिलाओं को भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए। अगर आप गर्भवती हैं या स्तनपान करवा रही हैं तो सीमित मात्रा में कॉर्न सिल्क का सेवन करें।
  1. मक्का के फायदे एनीमिया को दूर करें-  लोहे की कमी की वजह से एनीमिया की बीमारी हो जाती है, इसलिए इसको दूर करने के लिए भुट्टा खाना चाहिए क्योंकि इसमें विटामिन B और फोलिक एसिड होता है जिससे एनीमिया दूर होता है।
  2. भुट्टे के फायदे हैं वजन बढ़ाने में फायदेमंद – Corn for Weight Gain – भुट्टे की मदद से आप आपका मोटापा बड़ा सकते हैं। जिन लोगों का वजन कम है, उनके लिए भुट्टा बेहद फायदेमंद होता है। कम वजन वाले लोगों को सही प्रकार से अपना वजन बढ़ाने के लिए अधिक मात्रा में कैलोरी का सेवन करना पड़ता है। भुट्टे में कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी भी पर्याप्त मात्रा में होती है।

मकई के नुकसान

कई बार मकई का सेवन करने से एलर्जी और त्वचा पर चकत्ते, उल्टी आदि जैसे लक्षण पैदा कर सकता है। इसके अलावा कई लोगों को भी मक्का खाने के बाद अस्थमा का दौरा भी पड़ जाता है। मकई कई लोगों के लिए एक मुख्य भोजन है। अगर आप उच्च मात्रा में मक्का का सेवन करते हैं, तो आपको पिलाग्रा (Pellagra) होने का खतरा रहता है। विटामिन्स की कमी को पिलाग्रा कहते हैं। मकई, मधुमेह से पीड़ित लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है, इससे शरीर में रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है।

मकई फाइबर और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत है, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। लेकिन इन तंतुओं की एक ज्यादा खुराक आपके पेट के लिए बुरा हो सकती है जिससे आपको खाना पचाने में मुश्किल हो सकती है। मकई को कच्चा नहीं खाना चाहिए क्योंकि यह दस्त का परिणाम हो सकता है। मकई पेट के कई रोगों की ओर ले जाती है। आप अपने डॉक्टर से परामर्श करें यदि आपको ऊपर किसी भी प्रकार के लक्षण महसूस होते हैं।

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