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क्या भारत USSR की तरह भविष्य में कभी विघटित हो सकता है ?

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क्या भारत USSR ( Union of Soviet Socialist Republics ) की तरह भविष्य में कभी विघटित हो सकता है ?

बेहद कमजोर आर्थिक हालात: चूंकि सोवियत संघ एक वामपंथी देश था,वहां की आर्थिक नीतियां ऐसी थी,जिससे आर्थिक विकास एक समय के बाद होना ही बंद हो गया। बेरोज़गारी,भुखमरी से परेशान लोगों को गदर मचाने में ज़्यादा देर नहीं लगती।

पूंजीवादी देशों से टकराव की नीति : ना केवल सोवियत संघ वामपंथी था, वो चाहता था कि पूरी दुनिया वामपंथी बन जाये। इस चक्कर में उसने अपना बहुत सारा धन और ऊर्जा दूसरे पूंजीवादी देशों को अस्थिर करने में लगा दिया, जिसका नतीजा यह हुआ, की सोवियत संघ के पास खुद के विकास के लिए पैसे कम पड़ने लगे।

विशाल आकार: सोवियत संघ एक बहुत बड़ा देश था, जिस कारण अलग अलग हिस्सों में बगावत को दबाने के लिए सेना को पहुचने में बहुत देर लग जाती थी, और भारी नुकसान हो जाता था।

अमेरिका से सीधा टकराव: अमेरिका अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर के सोवियत संघ पर कई आर्थिक प्रतिबंध लगा देता था, जिससे धीरे धीरे सोवियत अर्थव्यवस्था की कमर टूट गयी। और तो और , अमेरिका अपने जासूस सोवियत सेना में, सोवियत सरकार तक में बैठा देता था, जिससे सोवियत के हर कदम की जानकारी अमेरिका को पहले ही हो जाती थी। सोवियत वाले तकनीक के मामले में अमेरिका से काफी पीछे थे।

बंजर भूमि: सोवियत संघ की अधिकतर भूमि पूरे साल बर्फ से ढकी रहती है, जिस कारण वहां के लोगों को खाने पीने का सामान भी बाहर से मंगवाना पड़ता था, जब अर्थव्यवस्था कमज़ोर होने लगी, तब भुखमरी ज़ोर पकड़ने लगी। इन मुख्य कारणों से सोवियत संघ का विघटन हुआ।

अब प्रकाश डालते हैं भारत पर:

मज़बूत अर्थव्यस्था: भारत विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यस्था है। जिनके पास नौकरी है, वो नौकरी कर रहे हैं, नहीं तो स्वरोजगार से काम चला रहे हैं।

नदियों का जाल: भारत में नदियां बहुत हैं,जिससे खेती बम्पर होती है। लोगों के पास काम रहे या ना रहे, खाद्य पदार्थ ज़्यादा महँगे कभी नहीं होते। बहुत कम लोग हैं जो भूखे पेट सोते हैं भारत में। जब पेट भरा होता है, तो अक्सर इंसान सरकार की गलतियां नज़रन्दाज़ कर देता है।

धार्मिक लोग: भारत की अधिकतर जनता सनातन धर्मी है, और सनातन धर्म सहिष्णुता, संयम, संतोष इत्यादि सिखाता है। भारत के लोग कम में ही खुश रहने वाले लोग हैं। ऐसे लोग विघटन के बारे में नहीं, जोड़ने के बारे में सोचते हैं।
सख्त सरकार: पूर्व में जब भी अलगाववाद की आग भड़की, सरकार ने सख्ती से कदम उठाए,और उस आग को बुझा दिया। इस चक्कर में हमने अपना एक प्रधानमंत्री भी खो दिया( इंदिरा गांधी)।

शैव पंथ: ये लोग भगवान शिव में आस्था रखने वाले लोग होते है जो कश्मीर से लेके कन्याकुमारी तक, और गुजरात से लेके असम तक फैले हैं। और देश के कोने कोने में ज्योतिर्लिंग स्थापित हैं, जो लोगों को आस्था की डोर से जोड़े रखते हैं।

यही सब मुख्य कारण हैं,की भारत का विघटन होना असंभव है। मेरा भारत एक था, एक है और एक रहेगा।

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