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रोज़गार के क्षेत्र में सरकार का कीर्तिमान

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देश के अंदर तेजी के साथ रोजगार के साधन बढ़ रहे हैं. सरकार का कहना है कि प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना के तहत अब तक रोजगार पाने वालों की संख्या 1 करोड़ से ज्यादा हो गई है.

देश के अंदर तेजी के साथ रोजगार सृजन का काम चल रहा है. सरकार की पूरी कोशिश है ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जाए. सरकार की कोशिशों का असर भी अब सामने आने लगा है. नए रोजगार पैदा करने की प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना यानि पीएमआरपीवाई से लाभान्वित होने वाले कर्मचारियों की संख्या एक करोड़ के पार निकल चुकी है.

इस योजना के तहत सरकार एक अप्रैल, 2016 को अथवा उसके बाद कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानि ईपीएफओ ​​में पंजीकृत होने वाले और अधिकतम 15,000 रुपये मासिक तक वेतन पाने वाले कर्मचारियों के लिए नियोक्ता की तरफ से दिए जाने वाले 12 प्रतिशत जिसमें ईपीएफ और कर्मचारी पेंशन योजना की राशि शामिल है का तीन साल तक भुगतान करती है.

श्रम मंत्रालय के अनुसार प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना रोजगार सृजन के लिए केंद्र सरकार की प्रमुख योजना है. जिसमें लाभार्थियों का आंकड़ा 14 जनवरी, 2019 तक एक करोड़ के स्तर को भी लांघ गया है. पीएमआरपीवाई की घोषणा 7 अगस्त, 2016 को की गई थी. इसे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के माध्यम से श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा चलाया जा रहा है.

वर्ष 2016-17, में 33,031 लाभार्थियों को ईपीएफओ के साथ नामांकित किया गया. वर्ष 2017-18 में 30,27,612 लोगों को ईपीएफओ के साथ नामांकित किया गया. साल 2018-19 यानि 15 जनवरी, 2019 तक उनहत्तर लाख, उनचास हजार, चार सौ छत्तीस लोगों को ईपीएफओ के साथ नामांकित किया गया.

इस तरह अब तक प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना के तहत ये संख्या 1 करोड़ से ज्यादा की हो जाती है. सबसे बड़ी बात ये है कि पंजीकरण की ये पूरी प्रणाली ऑनलाइन है और ‘आधार’-आधारित है. यही कारण है कि इस योजना के कार्यान्वयन में किसी भी तरह का मानवीय हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है.

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