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परीक्षार्थी को अखबार से कैसे बनाये नोट्स व अखबार पढ़ने की सही समयावधि कितनी होनी चाहिए?

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सकी पत्रकारिता के अनुभव और स्तर के बारे में सभी जानते हैं, इसलिए किसी भी मुद्दे जैसे सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक इत्यादि का विश्लेषण निष्पक्षता और आत्मीयता के संतुलन को बनाए रखते हुये करते हैं। और इसी कारण यह यूपीएससी परीक्षा तैयारी में और इसमें पूछे जाने वाले प्रश्नों के दृष्टिकोण से यह महत्वपूर्ण माना जाता है। यह सब जानने के बाद भी नये अभ्यर्थी के मन में दूसरा सबसे बुनियादी सवाल उठता है कि इस प्राकार के समाचार पत्रों को परीक्षा की दृष्टि से कैसे पढ़ा जाए ?

द हिंदू या अन्य किसी अखबार को कैसे पढ़ा जाए ?

सबसे जरूरी और आम समस्या यह है कि ज्यादातर अभ्यर्थी यह ही नही जानते की उनको क्या नोट करना और कैसे करना है, यहां हम कुछ महत्वपूर्ण अध्ययन स्रोत व सामग्री के बारे में बतायेंगे। सर्वप्रथम आपको परीक्षा के पाठ्यक्रम का भलीभांति विश्लेषण करना होगा जिससे आपको यह पता चलेगा की आपको किस विषय को पढना है और किसे नही पढना।

इस प्रकार की संयोजित अध्ययन प्रणाली से अभ्यर्थी को विषयानुसार सूची बनाकर खबरों को पाठ्यक्रम के अनुसार अध्ययन के लिये चुनना चाहिये, जैसे कि आप सर्वप्रथम प्रथम पृष्ठ (फ्रंट पेज – Front Page) कि परीक्षा के पाठ्यक्रम के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संबंधित समाचार व लेखों को चिह्नित करें और संबंधित विषयों से लिंक कर लें।

जैसे जैसे आप अखबार को पढेंगे आपको आपके द्वारा बनायी गयी सूची से संबंधित खबरें मिलेंगी, प्राय: अंतिम पृष्ठ पर प्राथमिकताएं संबंधित सामग्री जैसे कुछ वैज्ञानिक, जैविक, ऐतिहासिक तथ्यात्मक व उपयोगी जानकारी होती है। अखबार में आपको कई सेक्शन मिलेंगे जैसे – स्पोर्ट्स (बड़ी उप्लब्धि या प्रतियोगिता पढें), बिज़नेस पेज (आर्थिक व्यवस्था व विकास संबंधी सामग्री पढें) और इसी प्रकार पाठ्यक्रम की सहायता से समाचारों को चिह्नित करें, और याद रहे कि खबरों को परिप्रेक्ष्य और संदर्भ के अनुसार पढ़ा जाना चाहिए। राजनीतिक, चुनावी समाचार व दार्शनिक आधार के लेख इत्यादि से दूर रहें इन सामग्रियों का इस परीक्षा मे कोई प्रासंगिक महत्व नहीं हैं।

परीक्षार्थी अखबार के किस प्रकार के बिंदुओं को नोट करें ?

सरकारी योजनाएं, परियोजनाएं, प्रमुख रिपोर्ट्स जैसे – सरकारी योजनाएं, परियोजनाएं, ग्लोबल: आईएमएफ, डब्लूबी, डब्ल्यूएचओ, संयुक्त राष्ट्र, एनजीओ, डब्ल्यूईएफ, आदि, राष्ट्रीय: थिंक टैंक, नीती आयोग, आरबीआई, मंत्रालय, एनजीओ इत्यादि, मुद्दों जैसे गरीबी, बेरोजगारी, जलवायु परिवर्तन, लिंग, सामाजिक-आर्थिक, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और पर्यावरण।

यदि आप इन बातों का ध्यान रखकर और रणनीति को बनाकर तैयारी शुरु करेंगे तो आपको केवल एक आवश्यक घटक और चाहिये और वह है कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास। ध्यान रहे कि इस प्रकार से बनाई गयी अध्ययन रणनीति से आप अधिक से अधिक पाठ्यक्रम को याद रखने में सक्षम होंगे जो तैयारी के इस स्तर पर पर्याप्त है। प्रारंभ में प्राय: छात्रों को समाचार पत्र पढ़ने में बहुत समय लगता है किन्तु निरंतर प्रयास व अभ्यास से समाचार पत्रों को पढ़ने और नोट्स तैयार करने यह समयावधि धीरे-धीरे कम होती जायेगी।

अब आपने अब स्वयं ही सभी समाचारों व मामलों के नोट्स बनाएं है जिन्हें आप आसानी से याद कर सकते हैं, और सबसे अच्छी बात यह है कि इस तरह के अभ्यास से आपको परीक्षाओं में उत्तर लिखने में बहुत ज्यादा मदद मिलेगी क्योंकि आप रोज लिखने का अभ्यास करते हैं। अभ्यर्थी को मेहनत के साथ साथ स्मार्ट समय प्रबंधन करना होगा। इस प्रकार पाठ्यक्रम अनुरूप अध्ययन करें और नोट्स बनाएं।

नोट: एक सामान्य सिविल सेवा परीक्षा अभ्यर्थी के अखबार पढ़ने की सही समयावधि 1 घंटे से कम होनी चाहिए।

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