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एक था हिन्दू और एक थी मुस्लिम ऐसे में थे घरवाले भी खिलाफ ये लव स्टोरी है सचिन पायलट की

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राजस्थान में कांग्रेस की जीत का नायक कहे जाने वाले सचिन पायलट इस विधानसभा चुनाव में सचिन पायलट ने टोंक विधानसभा सीट से भाजपा के मुस्लिम उम्मीदवार यूनुस खान को 54 हजार से अधिक वोटों से हराया। या यूं कहें राजस्थान में कांग्रेस का परचम लहराया है।

सचिन पायलट ने राजस्थान विधानसभा के चुनाव में जी-तोड़ मेहनत की। यह उनके 230 से अधिक सभा करने के आंकड़े से समझा जा सकता है। राजनीति की प‍िच पर सिक्‍सर मारने वाले सचिन पायलट ने प्रेम की प‍िच पर भी खूब बल्‍लेबाजी की है।

सचिन पायलट की लव स्टोरी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। सचिन पायलट ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे उमर अब्दुल्लाह की बहन साराह अब्दुल्लाह से शादी की थी। सारा द‍िखने में काफी ग्‍लैमरस हैं और अभिनेत्र‍ियों को टक्‍कर देती हैं। यही वचह रही कि सचिन उनके प्‍यार में क्‍लीन बोल्‍ड हो गए।

सचिन और साराह की प्रेम कहानी पूरी तरह से फिल्मी है, क्योंकि इस कहानी में लड़का हिन्दू तो लड़की मुस्लिम है। सचिन का जन्म सहारनपुर में कांग्रेस नेता राजेश पायलट के घर हुआ था, वहीं साराह का जन्म जम्मू-कश्मीर के उस परिवार में हुआ था जिस परिवार में एक या दो नहीं, बल्कि 3-3 मुख्यमंत्री हो चुके थे।

दोनों की मुलाकात लंदन में पढ़ाई के दौरान हुई और यह धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। पढ़ाई पूरी कर सचिन दिल्ली लौट चुके थे, वहीं साराह लंदन में रहकर पढ़ाई कर रही थीं। लेकिन इतनी दूरी होने के बाद भी दोनों फोन पर लंबी-लंबी बात किया करते थे। लगभग 3 साल की डेटिंग के बाद सचिन और साराह ने एक-दूसरे से शादी कर ली। इस शादी में अब्दुल्ला परिवार का कोई भी मेंबर शामिल नहीं हुआ था।

हिन्दू और मुस्लिम परिवार के बीच धर्म की दीवार दोनों के प्यार के आड़े आ गई थी। कई कट्टरपंथियों ने इस इन दोनों के प्‍यार पर ऐतराज जताया था और कई लोगों ने इसका विरोध किया। सचिन पायलट और सारा दोनों के परिवार को ये रिश्‍ता मंजूर नहीं था।

परिवारों और समाज की बंद‍िशों को न मानकर सचिन और सारा कई मिथकों को तोड़ते हुए जनवरी 2004 में एक सादे समारोह में शादी कर ली। दूसरी ओर कश्मीर में इस शादी का काफी विरोध हुआ।

सचिन पायलट ने शादी से पहले राजनीति में आने के बारे में कभी सोचा भी नहीं था लेकिन पिता राजेश पायलट की मौत के बाद उन्हें राजनीति में आना पड़ा। साराह से शादी करने के कुछ महीनों बाद ही सचिन ने राजनीति के मैदान में अपनी किस्मत आजमाई।

सिर्फ 26 साल की उम्र में तब सचिन ने 2004 के लोकसभा चुनावों में दौसा से बड़ी जीत हासिल की। जीत मिलने के कुछ महीनों बाद सचिन-साराह की शादी का विरोध करने वाले फारुख अब्दुल्ला ने भी उन्हें अपने दामाद के रूप में अपना लिया।

सारा का साथ पाकर वह राजनीति में तरक्की की सीढ़ियां चढ़ते गए। विधानसभा चुनाव, 2018 में दाखिल किए अपनी चुनावी हलफनामे में सचिन ने खुद को एग्रीकल्चरिस्ट और पत्नी साराह को समाजसेवी बताया है। सचिन और साराह के दो बेटे हैं- आरन पायलट और विहान पायलट।

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