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जाने कौन है इतिहास का सबसे रहस्यमय आदमी ?

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वैसे तो दुनियां में अनेक रहस्यमय व्यक्ति हुए है कितुं इसमे मैं एक नाम का जिक्र करुगा और वह है पाइथागोरस, उम्मीद है आप ने स्कूल के दिनों में पाइथागोरस प्रमेय जरूर पढ़ी होगी इसका जन्म ईसा से 6वी शताब्दी पूर्व हुआ।

  • वह पहला पाश्चात्य दार्शनिक था जिसने दर्शन को गणित से जोड़ा और खुद को “ फिलॉसफर” कहा
  • पाइथागोरस जीवन के अधिकतर समय दुसरे देशो में घूमता रहा
  • पाइथागोरस ने अपना एक स्कूल खोला था ,और एक नया धर्म शुरू किया उसके धर्म को मानने वालों को “ पाइथागोरियन” कहते है ,इसके स्कूल में आने वालों लोगो को 2 भागो में बाँट रखा पहले भाग को “ लिस्नर्स” दोसरे को “ लर्ननर” व मैथ मैटिकोई बोलता था ,कुछ गोपनीय ज्ञान सिर्फ लर्ननर लोगो को दी जाती यही
  • पाइथागोरस की एकेडमी में महिलाओ को आने की छूट थी
  • पाइथागोरस ने अपनी एकेडमी के बाहर लिखा था “ जिसको ज्योमिति नही आती वह इस संस्थान में ना आये” बाद में जब प्लूटों ने अपना स्कूल खोला तो उसने भी यही बात अपने स्कूल के गेट पर लिखी

  • पाइथागोरस के एकेडमी में आने वाले लोग “ दालों” व फलियों वाली चीजें नही खाते थे वो शाखाहार को वरीयता देते थे उनका मत था दालों में जीवन है जबकि तात्कालिक यूनान के समाज मे शाखाहार जैसी चीज नही थी
  • पाइथागोरस बोलता था कि उसे अपने 3 पूर्वजन्म याद है और वह पूर्व जन्म में विश्वास करता था जबकि सेमिटिक धर्मो( ईसाई, जीयूस, मुस्लिम) में पुनर्जन्म का कोई विचार नही यह विचार विशुद्ध रूप से हिंदू धर्म मे पाया जाता था उस काल मे और आज भी
  • खामोशी का विचार – इसके अनुसार अगर आप किसी बात को नही जानते तो खामोशी ही बेहतर है
  • पाईथागोरस ने कहा था कि गणित के नियम ही ब्रह्मांड के नियम है
  • पाईथागोरस हार चीज को अंकों के रूप में देखता था वह बीमारियों को भी अंको के रूप में ही जनता था जैसे आज कल अपने बुखार को अंको में ,शुगर स्तर को ,रक्त चाप को आदि को अंको के रूप में ही व्यक्त करते है लगभग सारी बीमारियों की एक गणितीय भाषा विकसित हो चुकी है कितुं पाईथागोरस ने यह विचार 6 वी शताब्दी ईसा पूर्व ही कर लिया था
  • जिस पाईथागोरस की प्रमेय के नाम पर आप इसको जानते है दरसल इसकी खोज इसने नही की थी , पाईथागोरस के स्कूल में यह प्रयोग की जाती थी कितुं भारत मे यह पहले से प्रयोग हो रही थी जिसको “ बौधायन प्रमेय” बोलते थे चूँकि पाईथागोरस के स्कूल और धर्म की अधिकतर बाते हिंदू धर्म से प्रभावित थी अतः उसके भारत आने की जो बातें कही जाती है वह काफी मजबूत तर्क बन जाती है और यह प्रमेय भी उसने भारत से सीखी ,चूँकि यूरोप ने यह प्रमेय पाईथागोरस के स्कूल वालो से जानी इस लिए उसने इसका नाम यही रख दिया
  • आप ने जो भी गिटार, वॉयलिन या स्ट्रिंग संगीत वाद्य यंत्र आज देखे है उसकी शुरुआत पाईथागोरस ने की थी
  • पाईथागोरस ने दुनिया की पहली सीक्रेट सोसायटी बनाई उसका लोगो मे त्रिभुज का चिन्ह रखा आज भी सभी सीक्रेट सोसाइटी अपने लोगो मे त्रिभुज रखती है

  • पाईथागोरस कैसे मरा यह भी एक रहस्य है कुछ मत है कि वह आग से जलने से मरा
  • उसके गायब होने के बाद उसके स्कूल को खत्म कर दिया गया उसके चेलों को भी मार डाला गया

64 साल पहले जापान के एयरपोर्ट पर एक रहस्यमयी व्यक्ति आ पहुंचा था

इसे लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की कहानियां प्रचलित हैं पर ये सच है या महज एक कहानी, कोई नहीं जानता। बात जुलाई 1954 की है। दोपहर 12:30 जापान के टोक्यो के हेनेडा एअरपोर्ट पर यूरोप का एक विमान लैंड होता है। सभी यात्री एयरपोर्ट से निकलकर चैक आउट काउंटर की तरफ बढ़े। कुछ ही देर में काउंटर पर बैठे कस्टम अधिकारी का सामना एक ऐसे व्यक्ति से हुआ जिसका पासपोर्ट देख वो हैरत में पड़ गया। पासपोर्ट पर जिस देश का नाम लिखा था उस देश का नाम अधिकारी ने पहले कभी नहीं सुना था। उस देश का नाम था ‘टॉरेड’। इसके बाद कस्टम अधिकारी सुरक्षा अधिकारियों को इसकी सूचना दी और उस व्यक्ति को दूसरे कमरे में ले जाया गया। शुरू हुई पूछताछ…

अधिकारियों ने पहले इस देश के नाम पर चर्चा की, परन्तु इस देश की जानकारी किसी भी अधिकारी को नहीं थी। कस्टम अधिकारियों ने उस व्यक्ति से जापान आने का कारण पूछा तो उसने बताया कि वह बिजनेस के सिलसिले में जापान आया है। उस व्यक्ति ने बताया कि वह पहले भी इसी पासपोर्ट से यूरोप के कई देशों में घूम चुका है।

उसने अपने वॉलेट से कुछ युरोपियन करेंसी भी निकालकर दिखाई। कस्टम अधिकारियों ने पासपोर्ट की जांच की तो पाया कि उस पर लगे अन्य देशों की मुहर बिल्कुल असली हैं। पासपोर्ट टॉरेड (Taured) नामक देश में बनाया गया था।

मैप पर था ही नहीं देश

कस्टम अधिकारियों ने पूछा कि यह टॉरेड देश कहां स्थित है। उस व्यक्ति ने बताया कि यह फ्रांस और स्पेन के बीच कहीं स्थित है। यह सुनकर सभी अधिकारी हैरान रह गए क्योंकि किसी ने भी आज से पहले इस देश का नाम कभी नहीं सुना था।

कस्टम अधिकारी उस व्यक्ति से जितनी पूछताछ करते जा रहे थे उतने ही हैरत में पड़ते जा रहे थे। अधिकारियों ने उस व्यक्ति के सामने वर्ल्ड मैप रखा और कहा कि इस मैप में बताए कि उसका देश कहां पर है। उसने एंडोरा ( Andorra ) नाम के देश पर अंगुली रखते हुए कहा कि यह मैप गलत है। यहां एंडोरा नहीं टॉरेड लिखा होना चाहिए।यह सुनकर सभी अधिकारियों को वह व्यक्ति संदिग्ध लगने लगा कि आखिर यह व्यक्ति अपने आपको उस देश का क्यों बता रहा है जो इस दुनिया में है ही नहीं।

यही नहीं उस व्यक्ति के पास उस देश का पासपोर्ट, वीजा, आई डी प्रूफ जैसे सबूत भी थे जिससे लग रहा था कि वह व्यक्ति भी सच बोल रहा है।

कंपनी ने किया पहचानने से इंकार

इसके बाद जांच अधिकारियों ने उस कम्पनी के बारे में पूछा जहां वो जाना चाह रहा था। जब बताई गई कंपनी से संपर्क किया गया, तो उन्होंने इस व्यक्ति को पहचानने से इंकार कर दिया और कहा कि हमने ऐसे किसी भी व्यक्ति को कोई अपॉइनमेंट नहीं दिया है। उस व्यक्ति द्वारा बताए गए होटल से भी संपर्क किया गया, तो वहां से बताया गया कि उसके नाम कि कोई बुकिंग नहीं है।

पुलिस ने किया अरेस्ट

उस व्यक्ति ने अधिकारियों का शक दूर करने के लिए उस कम्पनी से मिला अपॉइनमेंट लेकर, होटल की प्रीबुकिंग स्लिप और अपने बैंक की चैकबुक दिखाई। सारे सबूत देखने के बाद अधिकारियों को कुछ समझ नहीं आ रहा था। इसके बाद उन्हें लगा कि जरूर ये कोई शातिर अपराधी है जो पूरी तैयारी के साथ किसी घटना को अंजाम देने आया है। इसके बाद उसे पुलिस की निगरानी में रखने का फैसला किया गया।

अचानक अदृश्य हो गया शख्स

उसका सारा सामान कब्जे में ले लिया गया। जांच पूरी होने तक उस व्यक्ति को एक होटल में कड़ी निगरानी में रखने का फैसला किया गया। उसके कमरे को बाहर से बंद कर दिया गया। लेकिन अगले दिन सबके होश उड़ गए क्योंकि होटल के कमरे में कोई नहीं था। बाहर दरवाजे पर पुलिस तैनात थी और खिड़कियों को पहले ही सील कर दिया गया था। और तो और एअरपोर्ट पर जब्त किए गए कागजात जैसे पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस और अन्य आई डी भी गायब थे। पुलिस हैरान थी कि आखिर ये क्या हुआ।

क्या ये शख्स टाइम ट्रैवलर था?

बहुत से लोगों का मानना है कि वो शख्स दूसरी दुनिया से आया था और गलती से यहां आ पहुंचा। जरूर वो टाइम मशीन के जरिए हमारी दुनिया तक आ पहुंचा था। पर उसका भेद खुलते ही वो वापस चला गया। इतिहास में कई ऐसी घटनाएं हैं, जो हमें दूसरी दुनिया होने का विश्वास दिलाती हैं। आपको बता दें कि इस घटना पर कई किताबें लिखी जा चुकी हैं।

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