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क्या आप जानते हैं आपके किन रोजमर्रा की चीजों पर जीएसटी नहीं लगता ?

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नई दिल्ली :  वित्त मंत्रालय ने बताया कि सामान्य तौर पर रोजाना इस्तेमाल की चीजों जैसे तेल, टूथपेस्ट, साबुन वगैरह पर टैक्स GST के आने के बाद कम हुआ है. GST, Goods and Services Tax (वस्तु एवं सेवा कर) से पहले इन पर 29.3 परसेंट टैक्स लगता था, जो अब घटकर 18 परसेंट हो गया है.

इतना ही नहीं GST से पहले सिनेमा पर 35 परसेंट से लेकर 110 परसेंट टैक्स लगता है अब इस पर 12-18 परसेंट GST लगता है. माना जा रहा है कि आज की बैठक में 2-व्हीलर पर जीएसटी रेट कम करने पर फैसला हो सकता है. जानिए जीरो टैक्स स्लैब में किन रोजमर्रा की चीजों को रखा गया है.

  • दूध, दही, पनीर- रोजमर्रा के इस्‍तेमाल की कई चीजों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है, जो चीजें जीएसटी के दायरे से बाहर हैं. उनमें बटर मिल्क, सब्जियां, फल, ब्रेड, अनपैक्‍ड फूडग्रेन्‍स, गुड़, दूध, अंडा, दही, लस्‍सी, अनपैक्‍ड पनीर, अनब्रांडेड आटा, अनब्रांडेड मैदा, अनब्रांडेड बेसन, प्रसाद, काजल, फूलभरी झाड़ू और नमक शामिल हैं.
  • फ्रेश मीट, फिश, चिकन पर भी जीएसटी नहीं है.बच्चों के काम की चीजें और न्यूज पेपर- बच्‍चों के ड्राइंग और कलरिंग बुक्‍स और एजुकेशन सर्विसेज पर भी जीएसटी नहीं देना पड़ता है.
  • मिट्टी की मूर्तियों, न्यूज पेपर, खादी स्टोर से खादी के कपड़ें खरीदने पर कोई टैक्स नहीं लगता है. साथ ही हेल्‍थ सर्विसेज को भी सरकार ने जीरो फीसदी जीएसटी के दायरे में रखा है.

सैनेटरी नैपकिन, स्टोन, मार्बल, राखी, साल के पत्ते, लकड़ी से बनी मूर्तियां और हैंडीक्राफ्ट आइटम्स पर भी जीरो फीसदी जीएसटी है. इसके अलावे फ्रोजेन सब्जियों पर से टैक्स बीते साल हटा लिया गया था. ये प्रोडक्ट्स अब जीरो फीसदी टैक्स के दायरे में आ गए हैं. संगीत से जुड़ी किताबों पर भी जीरो फीसदी GST हैं.

वित्त मंत्रालय के मुताबिक जब GST की शुरुआत हुई थी, तो सिर्फ 65 लाख ही असेसी (assessees) थे, जो अब बढ़कर 1.24 करोड़ रुपये हो गए हैं. GST को 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था, जिसमें करीब 17 टैक्स को मिलाकर एक कर दिया गया था.

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